Sunday, August 12, 2007

दुनिया बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिनको अपनी कामुक भावनाओ को दबाना परता है येः ना केवल उनके स्वस्थके बूरा होता है बल्कि सामजिक व्यवस्था के लिए भी बूरा होता है , हमहें एक ऐसी व्यवस्था बनानी परीगी जिसमे सबकी सेक्स संबंधी जरूरत पुरी हो सके